NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT हिन्दी कहानी

Not known Factual Statements About हिन्दी कहानी

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hindi kahani story

को प्रगतिशील कहानियों का नाम दिया, इन कहानिकारों में यशपाल, उपेन्द्रनाथ अश्क, रामप्रसाद

माध्यम से लेखक या वक्ता अपने उद्धेश्य की पूर्ति करते थे। इसके लिए वे कहानियों

कहानियाँ हमें परम्परा से प्राप्त हुई, इनमें अतिसंख्य कहानियाँ कल्पना पर आधारित होती हैं, लेकिन कहीं-कहीं

मुख्य हैं। इन सभी कहानीकारों ने प्रेमचन्द की तरह ही धार्मिक अंधविश्वासों, सामाजिक

हैलो दोस्तो मेरी यह कहानी काल्पनिक तो नहीं कही जा सकती क्योकी ये सच मे होता है मेरी यह कहानी हर एसे स्टुडेट के दिल की बात बया करेगी वैसा ट्राय करूगी सभी लोग चाहे कोई भी हो ज्यादा नही मगर पढा तो है ...

लाल, हिमांशु जोशी, हरिशंकर परसाई, महीपसिंह, श्रीकान्त वर्मा, कृष्ण वलेदव वैद, ज्ञानरंजन, सुरेश सिन्हा, गिरिराज किशोर, भीमसेन त्यागी, धर्मेन्द्र गुप्त, इब्राहिम शरीफ, विश्वेश्वर, महेन्द्र भल्ला, रवीन्द्र कालिया, काशीनाथ सिंह, प्रबोध कुमार, प्रयाग शुक्ल

बूढा आदमी, युवा पत्नी और चोर : पंचतंत्र की कहानी

शर्मा उग्र, विष्णु प्रभाकर, अमृतलाल नागर, आदि कहानीकार

पश्चात् हिन्दी कहानी का विकास और तीव्रता से हुआ। प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद के

कहानी लेखकों ने विदेशी और बंगला कहानियों के प्रभाव में आकर हिन्दी भाषा में भी

दो मछलियाँ और मेंढक : पंचतंत्र की कहानी

विशेष रूप से व्यक्त हुई है। इन कहानिकारों में, जैनेन्द्र, इलाचन्द्र जोशी, अज्ञेय, भगवती चरण वर्मा, चन्द्र गुप्त विद्यालंकार, आदि कहानीकार

अभावग्रस्त जीवन- संकटों का मार्मिक अंकन वाली इनकी कहानियाँ कथा - शिल्प की

शब्दों में- प्रेमचन्द, कौशिक और सुदर्शन, हिन्दी - कहानी

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